Wednesday, 24 June 2015

Law of attraction की सच्चाई

Law of Attraction....

Law of attraction के बारे में सभी ने सुना होगा। अगर नही सुना तो The Secret
Movie देख लीजिये। 

क्या कहता है Law of attraction...

Law of attraction के अनुसार हम जो भी हैं जैसे भी हैं । हमारी अपनी सोच के 
द्वारा निर्मित है। तो क्या आपको यह बात ठीक लगती है । कि इंसान उसकी सोच 
द्वारा निर्मित प्राणी है.... जी हाँ इसमें कोई दोहरायय नही कि इंसान उसकी सोच 
द्वारा निर्मित प्राणी है। हम जो भी हैं हमारी सोच का नतीजा हैं चाहे वो हमारी 
आर्थिक स्तिथि हो या स्वास्थ्य। हमारी सोच का ही नतीजा है।
हम जिन चीजी के बारे में सचते हैं वही हमारी तरफ आकर्षित होती रहती है।
अगर हम अच्छे स्वस्थय के बारे में सोचेंगे तो स्वस्थ ही रहेंगे। अगर हम पैसे के 
बारे में सोचेंगे तो हम ज्यादा पैसे को आकर्षित करेंगे और वो आपके पास आएगा भी। लेकिन कुछ लोग इस बात पर विशवास नही करतें। कहते है अगर सिर्फ सोचने
से पैसा आता तो सभी के पास आ जयेगा फिर समस्या क्या है। तो फिर कमाने की 
जरूरत ही क्या है सोचो और पैसा पाओ।।।।।
तो उनके लिए मेरा एक सीधा सा उत्तर है कि आप इस श्रेणी से बहार हो...
 पानी हमारे लिए जरूरी है क्या हम सिर्फ और सिर्फ पानी से जी सकते हैं?
हवाहवा हमारे लिए जरूरी है क्या हम सिर्फ हवा से जी सकते है?
भोजन हमारे लिए जरूरी है क्या हम सिर्फ भोजन खाकर जी सकते हैं?
उत्तर होगा नही कभी नहीं।
तो इसी तरह सिर्फ सोच से आप अपने लक्ष्य पर नही पहुच सकते। उसके लिए जो
जरूरी काम है वो तो आपको करने ही होंगे । हाँ इतना जरूर है कि सकारात्मक
सोचने से आप उस काम को असानी से पाओगे और कामयाबी जल्द मिलेगी और 
वो सभी चीजें आपकी तरफ आकर्षित होंगी जो आपके लक्ष्य के लिए जरुरी है।
और आप अपने लक्ष्य तक पहुच जाओगे।
तो सकारात्मक सोचे और बढतेजाएँ।


सोच और उसके प्रभाव...

सोच और उसके प्रभाव.......

इंसान उसकी सोच से ही निर्मित प्राणी है। जो जैसे सोचेगा वो वैसा पायेगा। आज जो भी 
जीतनी भी महान सख्शियत है उनके वो बनने में उनकी सोच का ही मुख्य योगदान रहा 
है। Law of attraction ब्रह्माण्ड की हर छोटी से छोटी और बड़ी से बड़ी वस्तु पर काम
करता है चाहे वो सजीव हो या निर्जीव। 
हम जब सोचते हैं तो हमारे दिमाग में से तरंगे निकलती है। और अगर आप विज्ञानं की 
समझ रखते है तो आपको पता होगा कि तरंगों की wave nature और partical nature 
दोनों होती है.। और जैसा मैंने ऊपर बताया ब्रह्माण्ड का हर कण उसी जैसी प्रकृति के दूसरे कण को अपनी और आकर्षित करता है। जैसे पानी कण पानी के कणों को और मिट्टीके
 कण मिटटी के कणोको। जब हम सोचते है हमारे दिमाग से निकली तरंगे उन चीजो को 
हमारी तरफतरफ ज्यादा आर्कषित करती है जिनके बारे में हम सोचते है।
तो अगर आप ये सोचेंगे की आपको कार चाहिए तो कार से जुडी चीजें और लोग आपकी
तरफ आकर्षित होंगे। और कार को पाने के लिए जरूरी चीजे भी। और इसमें उससे समधित कठिनाईयां भी हो सकती है।
ज्यादातर लोगो को यह समझ नही आ पता की उनको चाहिए क्या है। मतलव वो अपना ध्यान एक स्थान पर एकाग्र नही कर सकते और फिर होता क्या है की उनको अपना लक्ष्य
हाशिल करना मुश्किल हो जाता है। अगर आप चाहते है कि आपको आपका लक्ष्य जल्दी
प्राप्त हो तो आपको अपनी सोच को एकाग्र करना हो आपको वही सोचना होगा जो आप 
बास्तव में चाहते है। और रास्ते में आने वाली कठिनाईयो को हटाते चलिए।
तो आपकी सकारात्मक सोच आपके लक्ष्य तक पहुचाने का काम करती है।
तो हमेशा सकारात्मक सोचिये और अपने लक्ष्य की और बढ़ते रहिये।
आपको आपकी मंजिल जरूर मिलेगी ।

Sunday, 21 June 2015

मुर्गी पहले आई या अंडा.....

मुर्ग़ी पहले आई या अंडा......
एक सवाल जो हमे सदियो से मुश्किल में डालता आ
 रहा है... जब हमसे कोई पूछता है कि मुर्गी पहले
आई या अंडा तो हमारे पास इसका कोई संतोषजनक उत्तर नही  होता ।अगर हम कहते है कि अंडा पहले
तो प्रश्न कहाँ से आया । अगर हम कहते है कि मुर्गी
पहले आई तो प्रश्न, कहाँ से आई।


शेफील्ड और वारविक विश्वविद्यालय के विज्ञान के एक
दल ने दावा किया था कि अंडे से पहले मुर्गी आई।
उन्होंने पाया कि ओवॉक्लाइडीन नामक प्रोटीन अंडे का ऊपरी खोल बनाने में सहायक होता है। और यह प्रोटीन मुर्गी के अंडाशय में पाया जाता है.....
और इससे उन्हीने दावा किया की अंडे से पहले मुर्गी आई।  तो इससे ये कहाँ सुनिश्चित हुआ कि मुर्गी
मुर्गी कहा से आई....
इससे तो उन्होंने ये पता लगाया कि अंडे का खोल बनने
में उस प्रोटीन का योगदान है बस...
ऐसे तो अंडा बनने में और भी बहुत चीजो का
 योगदान होता है तो इससे ये तो सुनिश्चित नहीं
होता कि मुर्गी पहले आई या अंडा.....

अब आप ध्यान दिजिये जो मैं आपको बताने
जा रहा हूं ओर मुझे उम्मीद है कि इससे आपकी
यह समश्या हल हो जायेगी कि अंडा पहले आया या
मुर्गी।

धरती पर पहले न अंडा आया न ही मुर्गी धरती पर
सबसे पहले जीव आया । और  जीव कहाँ से आया ये भी
आप मेरी अन्य पोस्ट में जान जायेंगे। एक जीव ही विकशित होकर दूसरे जीवो की उत्पति का कारण बना
जब एक जीव से दूसरा जीव पैदा होता है तो उस जीव में
उस जीव जिससे वो पैदा हुआ और अपने स्वयं के
गुणसुतर होते है।
और पैदा हुआ जीव पैदा किये गए जीव से कुछ न कुछ
भिन्न हिता है। और यही भिन्नता धीरे धीरे एक नए जीव
कि उत्पत्ति कर देती है । मैं एक ऐसा उदाहण लेता हूँ जिससे आपको यह बिलकुल सुनिश्चित हो जायेगा।
जैसे हम सभी को पता है कि इंसान बानर का सुधरा हुआ रूप है। मतलब बानर में धीरे धीरे बदलाव आते
गए और इंसान की उत्पत्ति हो गई। अब बानर भी है और इंसान भी। इसी तरह मुर्गी भी किसी जीव का सुधरा हुआ रूप है जिसमे धीरे धीरे अंडे देने वाला जीव
बना और कुछ बिना अंडे के।
इस तरह मुर्गी ही अंडे से पहले बनी ये आप कह सकतेहैं।
आशा करता हूँ कि आपको विषय समझ आ गया होगा।
और गहराई में जाने के लिए आप मेरी पोस्ट को लगातार पड़े।
आपके सभी सवालों के जबाब मेरे पास हैं।
दुनियां का कोई भी सवाल........