Thursday, 24 March 2016

Safalta ka Mul mantra सफलता का मूल मन्त्र

सफ़लता का मूल मन्त्र 
safal kaise ho
सफल हम सभी होना चाहते हैं,  लेकिन हमारे सफल होने की सम्भावना कितनी है safal hone ka mool mantar क्या है, क्यों हम में से बहुत से लोग सफल होने में नाकाम हो जाते हैं, कुछ तो फार्मूला होगा सफल होने का। जब मैंने ये जानना चाहा तो मेरे दिमाग में सबसे पहले वही आया जो  अक्सर 90% लोगो के दिमाग में आता है कि हार्ड वर्क ही सफलता का मूल मन्त्र होगा।  मुझे बहुत  खुशी  हुई  के मुझे सफलता का मूल मन्त्र मिल गया।  मैंने भी बहुत जगह ये ही सुना और पढ़ा था कि safalta ka koi shortcut nhi हैं कड़ी मेहनत करो सफलता आपके कदम चूमेगी।  मुझे भी यही लगने लगा कि कड़ी मेहनत ही सफलता का मूल मन्त्र है। 
 लेकिन मेरी यह  खुशी ज्यादा समय टिक न सकी। 

 जब  मैँ अपनी गली में रहने वाले एक रिक्शा वाले से मिला।  वो  बेचारा पिछले 30 साल से रिक्शा चला कर अपने परिवार का पेट तो भर रहा था।  परन्तु अपना घर बनाने का सपना पूरा करने में नाकाम , अपने बच्चों को अच्छी एजुकेशन दे पाने में नाकाम, पिछले 5 साल से बेटी का रिश्ता  नहीं हो पा रहा था।  तो मेरे कहने का तात्प्रिय  है कि इतना हार्ड वर्क करने के बाबजूद भी वो असफल था।  तो यहाँ से मुझे एक बात तो स्प्ष्ट  हो गई कि हार्ड वर्क तो सफलता का मूल मन्त्र नहीं हो सकता।

  मेरी तलाश अभी भी वही की वही कि आखिर क्या है सफलता का मूल मन्त्र। इसी खोज में मैंने उन लोगो की लिस्ट बनानी शुरू कर दी जो सफल हैं और हर कदम पर सफल हैं, और उन लोगो से मिलना शुरू कर दिया।  मैं जिससे भी मिलता उसका काम करने का तरीका  और उसका प्रतिदिन का schedule अपनी डायरी में नोट कर रहा था। और मैं उन लोगो से भी मिला जो उन्ही लोगो के प्रोफेशन का  काम कर रहे थे लेकिन असफल थे। तो क्या रिजल्ट सामने आया क्या अंतर्  था उन लोगो में जो एक जैसे काम में सफल थे और जो उसी काम में असफल थे।

 तो एक चीज जो मैंने देखी कि सफल व्यक्ति  हार्ड वर्क करता है और असफल भी हार्ड वर्क करता है , तो इसका मतलब  हार्ड वर्क एक सीडी तो है सफलता की लेकिन मूल मन्त्र नहीं।  उनमें से बहुत से ऐसे भी थे जो Hard Work  नहीं करते तो भी सफल थे , तो आखिर फार्मूला क्या है सफलता का।  तो मैंने जो चीज common देखी सफल लोगो में वो  क्या थी वो थी सफल लोगों कि आदत।  सफल लोग अपने काम को काम नहीं kaam ki aadat बना लेते हैं।  आदत बना लेते हैं सुबह जल्दी उठने को, आदत बना लेते हेैं सुबह समय पर ऑफिस जाने की , आदत बना लेते हैं schedule लिखने की, आदत बना लेते है वादे करने और वादे कर के निभाने की , आदत बना लेते हैं सेविंग करने की, आदत बना लेते हैं असफल न होकर सफल होने की।  जिन लोगो से मैं मिला उन में से एक ने मुझ से पूछा आपका दिल करता है सुबह जल्दी उड़ने का मैंने बोल नहीं, बोला मेरा भी नहीं करता, परन्तु मेरी आदत है जल्दी उठने  की  तो उठना पड़ता है बोला आपका दिल करता है योगा करने का, मैंने बोला ना, बोला मेरा भी नहीं करता लकिन जब तक ना करूं बेचैन रहता हूँ , बोला आपका दिल करता है रात को books पढने का , बोला मेरा भी नहीं करता लेकिन जब तक एक दो घंटे books न पढ़  लूँ नींद ही नहीं आती।  तो मुझे कन्फर्म हो गया बस यही सफलता का मूल मन्त्र हैं।  होता सफल लोगों के साथ भी वही है जो असफल लोगों के साथ होता है , लेकिन सफल लोग काम को काम ना समझ कर काम को अपनी आदत बना लेते हैं, असफल लोग काम को काम की तरह लेते हैं आज हो गया तो ठीक नहीं कल कर लेंगे , कल हो गया तो ठीक नहीं परसों कर लेंगे।  और सफल लोगों की आदत में होता है कि जब तक वो उस काम को कर न लें उनके दिल को सुकून नहीं मिलता।  तो दोस्तो यही है सफलता का असली मूल मन्त्र।  काम को काम नहीं अपनी आदत बनाओ आप कभी असफल नहीं होंगे।  रही बात उस रिक्शे वाले कि रिक्शे वाले की भी आदत नहीं थी सुबह जल्दी उठना , और आदत नहीं थी 9 बजे रिक्शा स्टैंड पर ले जाना दिन में जब दिल किया चला जाना और जब नहीं किया तो नहीं भी।  अगर आप भी सफल होना चाहते हो तो आदत बना लो अपने काम को अपनी, आदत बना लो खुद को update रखने की , तो मेरा वादा है आपसे, आप कभी असफल नहीं होंगे।

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